झूट

झूट


जो लोग झूट को पसंद करके
क़दम पीछे हटा लेते हैं


अल्लाह ता’ला काफ़िरों के
मुकाबले में ऐसे लोगों की
मदद नहीं करता।

सरकार

सरकार

सरकार केवल कुछ
लोगो की नहीं है,
बल्कि यह तो सभी
सामान्य लोगो के
लिए है |

Narendra Modi

 जीवन जीने का वो मंत्र जो सिर्फ आपको कोरोना वायरस से ही नहीं बल्कि जीवन जीने और मधुर सम्बन्ध बनाये रखने में भी मदद करेगा |  इसे जरूर अपनाये |

जीवन जीने का वो मंत्र जो सिर्फ आपको कोरोना वायरस से ही नहीं बल्कि जीवन जीने और मधुर सम्बन्ध बनाये रखने में भी मदद करेगा | इसे जरूर अपनाये |

सोल्यूमन आईलैंड के बारे में कहा जाता है कि वहां किसी वृक्ष को खत्म करना हो तो वह उसको काटते नहीं है बल्कि इर्द-गिर्द उसको खड़े होकर कोसते हैं जिससे पेड़ धीरे-धीरे सूख जाता है। इसलिए कहते हैं कि जो हम सोचते हैं, वह सिद्ध होता है। सबसे शक्तिशाली बात है कि हम परमात्मा की उर्जा का अपने चारों तरफ एक सर्कल बनाएं। हम सभी हाथ धो रहे हैं। अच्छी बात है, लेकिन आप कितनी बार भी हाथ धो लो। किसी भी चीज को बार-बार सैनिटाइज कर लो। कितनी बार ही अपने आप को सैनिटाइज कर लो। हमें पता ही नहीं है कि फिर कहां कहां हाथ लग रहा है। इसलिए परमात्मा की शक्तियां परमात्मा की पवित्रता बहुत जरूरी है। हमारे चारों तरफ एक ऊर्जा सर्कल है और संकल्प यह करना है कि इस सर्कल के अंदर कुछ भी प्रवेश नहीं कर सकता। इससे हम स्वयं को परिवार को और देश को ऊर्जावान बनाएंगे। यह जादू है,
यह कोई भी कर सकता है। फिर हम संकल्प करें कि परमात्मा की पवित्रता और शक्तियों का हमारे चारों तरफ एक सर्कल है जिसे आभामंडल कहते हैं। यह मेरा सुरक्षा कवच है। फिर एक संकल्प है। मैं सदा सुरक्षित हूं। सुबह उठते ही फोन देखने से पहले हाथ धोने से पहले किसी से बात करने से पहले हमारा संकल्प यही होना चाहिए। क्योंकि सुबह के पहले के विचार का असर पूरे दिन रहता है। इसलिए हम कहते हैं सुबह सुबह किसका चेहरा देखा। मतलब की सुबह की पहली सोच क्या थी, इसलिए सुबह उठते ही पहले विचार ऐसे होने चाहिए। मैं शांत हूं। मैं पवित्र आत्मा हूं। मेरा शरीर अच्छा है। परमात्मा की उर्जा के सर्कल में मेरा पूरा परिवार सुरक्षित है। 2 मिनट दीजिए और इस सर्कल का मानसिक चित्रण लीजिए। रात को सोने से पहले की आखिरी सोच भी यही होनी चाहिए जो आखिरी सोच होगी ,वह सारी रात काम करती है और सुबह उठते ही हमारी सोच वही बन जाती है यही सोच रात को सोचते-सोचते सो जाइए कि मैं सुरक्षित हूं। इस तरह यह दो समय तो हो गए। दिन में जब भी याद आ जाए, मन ही मन इस मंत्र को दोहराई है। मैं शक्तिशाली हूं। मैं सुरक्षित हूं, स्वस्थ हूं। सब अच्छा चल रहा है। ब्रह्माकुमारी संस्था में हम हर एक घंटे के बाद 1 मिनट के लिए रुकते हैं। उसमें हम इसे दोहराते हैं। सबसे महत्वपूर्ण समय खाने और पीने का है। मतलब हम दिन में तीन चार बार खाना खा ही लेते होंगे और सात आठ बार पानी पी लेते होंगे। 10-12 बार तो यही हो गया खाने और पानी पीने के समय इन्हें दोहराना आज इसलिए जरूरी है क्योंकि इस समय आपके खाने और पानी में भी डर और चिंता की ऊर्जा है, जो संकल्प हम भोजन में और पानी में डालते हैं। उसका हमारे मन पर सीधा असर होता है। कहा भी जाता है जैसा अन्न वैसा मन जैसा पानी वैसी वाणी मतलब मुंह में बिना अपना संकल्प डाले कुछ जाना नहीं चाहिए। अगर यह किसी ने एक हफ्ते तक कर लिया तो 100% भय से दूर होना शुरू हो जाएगा और आप सुरक्षित अनुभव करेंगे। यही इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर हम इसके साथ में भावनात्मक सुरक्षा को भी जोड़ देंगे तो आप हर तरह से सुरक्षित हो जाएंगे और दुनिया की किस्मत बदल जाएगी। अभी हमें उस वायरस को उकसाना नहीं है कि अभी आप और आने वाले हो, हमें पता है। अभी आप और दो-तीन महीने रहोगे। हमें पता है हमारा बिज़नेस खत्म हो जाएगा बल्कि हमें यह सोचना है कि हमें पता है कि आप खत्म हो चुके हो, हमें पता है। हम सुरक्षित हैं। ऊपर दी गई सोच और संकल्प का विचार सिर्फ इस वायरस के लिए नहीं है। यह आपके जीवन जीने का तरीका बन जाएगा क्योंकि खुशहाल जीवन के लिए और मधुर सम्बन्ध बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।

Bk Shivani



सम्पन्नता

सम्पन्नता

सम्पन्नता धन के अधीन में ,
नहीं बल्कि उसके कार्य में है |

Nepoleon Bonapart

दया

दया

जो निर्बल पर दया नहीं करता ,
उसे बलवान के अत्याचार
सहने होंगे।

Shek saadi

सफलता

सफलता

सफलता चार साधनो से प्राप्त होती है –
विवेक , श्रम , आत्मबल और
व्यावहारिकता |

Mahatma Gandhi

जलवा

जलवा

किया जलवा करबला मैं,
दिखया हुसैन ने सजदे मैं,
जा के सर कटाया हुसैन ने |
HAPPY MUHARRAM

इस्‍लाम

इस्‍लाम

कत्‍ल-ए-हुसैन असल,
में मार्ग-ए-यजीद है,
इस्‍लाम जिन्दा होता है,
हर करबला के बाद |  
HAPPY MUHARRAM

फातिमा

फातिमा

सजदा से करबला,
को बंदगी मिल गई, 
सबर से उम्‍मत को,
जिन्दगी मिल गई,
एक चमन फातिमा,
का गुज़रा, 
मगर सारे इस्‍लाम को,
जिन्दगी मिल गई |  
HAPPY MUHARRAM

करबला

करबला

जन्‍नत की आरज़ू में, 
कहां जा रहे हैं लोग, 
जन्‍नत तो करबला में, 
खरीदी हुसैन ने,
दुनिया-ओ-आखरात में, 
जो रहना हो चैन से, 
जीना अली से सीखो, 
मरना हुसैन से |  
HAPPY MUHARRAM

फातिमा

फातिमा

सजदा से करबला को बंदगी मिल गई, 
सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई,
एक चमन फातिमा का गुज़रा, 
मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई |
HAPPY MUHARRAM

बलिदान

बलिदान

देश भक्तों के बलिदान से,
स्वतंत्र हुए हैं हम…
कोई पूछे कौन हो, तो गर्व से कहेंगे,
भारतीय हैं हम.. |

सिलिंडर

सिलिंडर

पत्नी : तुम कोई भी काम ढंग से नहीं करते हो,
पति : अब क्या हुआ क्या कर दिया ऐसा मैंने,
पत्नी : तुमने जो कल सिलिंडर लगाया था,
पति : हाँ लगाया था,
पत्नी : पता नहीं कैसे लगाया कल से दो बार,
दूध उबला दोनों बार ही दूध फट गया |

गणतन्त्र का सम्मान

गणतन्त्र का सम्मान

देश के रखवालों ने प्राण अपने देकर
गणतन्त्र का सम्मान हमे दिया है |
नहीं भूलेंगे उनके इस बलिदान को ,
जिन्होने ये गणतन्त्र का पर्व हमे दिया है |

गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाये |

बेकार

बेकार

ये रोज का बढ़ना नहीं बल्कि
रोज का घटना है।
जो बेकार है उसे हटा दो।

Bruce Lee

बल

बल

मित्रों के संग्रह से ,
बल प्राप्त होता है ।
Chanakya

शत्रु की दुर्बलता

शत्रु की दुर्बलता

शत्रु की दुर्बलता जानने तक ,
उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Chanakya

 मुकाबला

मुकाबला

''बादलों से कह दो,
जरा सोच समझ कर बरसे,
अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
तो मुकाबला बराबरी का होगा…''